सैल - सैल एक ऐसा यन्त्र है जिसे रासायनिक ऊर्जा से विधुत ऊर्जा प्राप्त होती है सेलों के समूह को बैट्री कहते है ।
सैल मुखयतः 2 प्रकारबके होते है -
1 Primary cell
2 Secondary cell
बैट्री - दो या दो से अधिक सैलों को श्रेणी में जोड़ना बैट्री कहलाती है । इसमें emf अधिक रहती है ।
प्राइमरी सेल - इस श्रेणी में वे सेल आते है जिन्हें रासायनिक क्रिया द्वारा विधुत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए कुछ रासायनिक प्रदार्थ डाले जाते है तथा सेल के डिस्चार्ज होने पर सेल को दोबारा चार्ज नहीं कर सकते अर्थात सेल को डिस्चार्ज होने पर फिर इस्तेमाल नहीं कर सकते । सवल की आयु सेल में प्रयोग किये गए प्रदार्थ पर निर्भर करती है । प्राइमरी सेल के प्रकार -
1 ड्राई या शुष्क सेल 2 साधारण वोल्टाइक सेल3 मरकरी सेल4 डेनियल सेल5 लैकलांची सेल 6 सिल्वर आक्साइड सेल
सैकेण्डरी सेल - इस श्रेणी में वे सैल आते है जिन्हें बाहरी स्त्रोत द्वारा चार्ज किया जा सकता है । यह सेल विधुत ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में एकत्रित करते है और बाद में आवश्यकता पड़ने पर विधुत ऊर्जा के लिए इस्तेमाल किया जाता है । इस सेल को डिस्चार्ज होने के बाद दोबारा चार्ज करके इस्तेमाल किया जा सकता है । सैकेण्डरी सेल के प्रकार -
1 लेड एसिड सेल
2 निकिल कैडमियम सेल
3 निकिल आयरन सेल
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